एक तमन्ना छोटी सी,
बड़ी आँखों वाली लड़की की
खामोशी में रहती थी,
लड़की के गालों के गुच्चों में
मुस्कराहट में छिपी रहती थी,
लड़की के काले बालों की
चोटी में फूल सी गुँथी रहती थी
एक तमन्ना बड़ी सी,
रसॊई के आले में
आचार के मर्तबान में रहती है
फ़टी रसीद सी
पंसारी की दुकान में रहती है
माधो, बिट्टो की
शादी के लेन -देन में रहती है
बगीचे के फव्वारे के
नीचे पानी में पड़े सिक्कों में रहती है
छोटी तमन्ना चुलबुली सी
बड़ी तमन्ना संजीदी सी
हर साँझ छुप्पा छुप्पी खेलती हैं
कुट्टी, अब्बा कर के रात को
सपनों में चाँद पर बैठी मिलती हैं।
9 comments:
छोटी तमन्ना चुलबुली सी
बड़ी तमन्ना संजीदी सी
हर साँझ छुप्पा छुप्पी खेलती हैं
कुट्टी, अब्बा कर के रात को
सपनों में चाँद पर बैठी मिलती हैं।
बहुत खूब प्यारी सी तमन्ना बधाई
सुंदर कविता है।
बधाई।
हर साँझ छुप्पा छुप्पी खेलती हैं
कुट्टी, अब्बा कर के रात को
सपनों में चाँद पर बैठी मिलती हैं।
sooooo sweet,behad khubsurat tammana hai,sunder kavita badhai.
बहुत अनुपम रचना है
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Happy Friendship Day!
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ग़ज़लों के खिलते गुलाब
सुन्दर! सबकी, सब तमन्नायें पूरी हों!
तमन्ना छोटी सी ही सही - लेकिन रोचक और गम्भीर है रजनी जी।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
बहुत अच्छा लिखा है आपने । भाव और विचारों की सुंदर प्रस्तुति है।
मैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-इन देशभक्त महिलाओं केजज्बे को सलाम-समय हो तो पढें़ और कमेंट भी दें।
http://www.ashokvichar.blogspot.com
सुंदर कविता है। बधाई। सबकी तमन्नायें पूरी हों!
बहुत खूबसूरत कविता. बधाई.
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